Thursday, November 12, 2009

मैंने इसी में सब कुछ पा लिया..



किसी की आँखों से बहते आँसुओ को थाम लिया,
मैंने उन्ही को अनमोल मोती मान लिया.
किसी की मौन छुपी भावनाओ को जान लिया,
मैंने उन्ही को अपना सच्चा साथी मान लिया.

किसी नन्ही जान के साथ तोतली जबान में गा लिया,
मैंने उसे ही अपने दिल का संगीत सुना लिया.
किसी गरीब को दिल से इज्ज़त का तोहफा थमा दिया,
मैंने इसी लेनदेन में अपने खुदा को पा लिया.

किसी नौजवान की आशाओ को और परवान चढ़ा दिया,
मैंने इसी में अपनी मंजिल के शिखर को पा लिया.
किसी शहीद की शहादत पर एक दीप जला लिया,
मैंने इसी में हर जनम का सुकून पा लिया.

किसी टूटे दिल को अपनी दोस्ती से मरहम लगा दिया,
मैंने इसी में अपने खोये इश्क का भरम मिटा लिया.
किसी भूखे को एक रात की रोटी का उपहार दिला दिया,
मैंने इसी में दुनिया का सबसे बड़ा पुरुस्कार हथिया लिया.

1 comment:

  1. greatttttttttttttttttt!!!!!!!!

    bahut hi achha likha hai dil khush kar diya

    badhayi ho

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