Friday, November 06, 2009

लेखनी से तुम वयक्त करो..



शब्दों से अभिव्यक्त करो,
तुम अपनी लेखनी से वयक्त करो.
किसी के अश्रु बूंदों का खारापन,
किसी की लाचारी का दर्द लिखो.

स्याही से उदघोष करो,
तुम अपनी कलम का विजयघोष करो.
किसी गरीब के नंगे तन,
किसी भूखे पेट की कहानी पर लिखो.

पंक्तियों से मस्तिष्क प्रभावित करो,
छन्दों से राष्ट्र भावना प्रचारित करो.
किसी शहीद की कुर्बान जवानी पर,
किसी देशभक्त की भूली निशानी पर लिखो.

वाक्यों से मानव कल्याण करो,
कविता से नव राष्ट्र का निर्माण करो.
फूट-पाथ पर गुजरी रातों की ठिठुरन,
भीख मांगते हाथो की कहानी लिखो.

शब्दों से अभिव्यक्त करो,
तुम अपनी लेखनी से वयक्त करो.
किसी के अश्रु बूंदों का खारापन,
किसी की लाचारी का दर्द लिखो.

1 comment:

  1. bahut sunder bhav aur achha massege vyakat kiya lucky
    weldone

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