सपनों की महफिलों को उसने कुछ यू सजा दिया,
मेरी रूह को सकू मिला जन्नत सा मज़ा लिया.
हर ख्वाब में खुश्बू उसकी मुझे ऐसा महका दिया,
मेरे रोम-रोम को नजरों से जैसे उसने बहका दिया.
आँखों से बात हुयी कुछ उसने मुझे बता दिया,
अकेला नहीं मुसाफिर तू दिल से ये जता दिया.
मदहोश मन उड़ता हवा में जैसे उसने नशा दिया,
मै याद रखू ताउम्र कुछ ऐसे उसने हँसा दिया.
तरन्नुम में लगन जगी ऐसा राग सुना दिया,
रोशन कर लौ प्रेम की खुद को नजरों में चढ़ा दिया.
ईश्क की आग दिखी नहीं पर उसमे मुझे जला दिया,
खुद को निहार सकू जिसमे वो दरिया मुझे थमा दिया.
बहारों ने दस्तक दी ये हमने अब मान लिया,
दुनिया में बचा है खुदा इसको भी अब जान लिया.
जब से उस आईने से फ़रिश्ते का दामन थाम लिया,
अपनी हर बीती बदकिस्मती का जैसे आज ईनाम लिया.
तुम बस रूह से हमें अपनाने लगो
14 years ago


bahut bahut pyaari rachna
ReplyDeletedua hai aage aur bhi badiya likho
bhai waaaah ...bahut badhiya ehsaas
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