Monday, October 12, 2009

मेरी भी एक प्रीत है...


मेरे गीत, मेरा मनचाहा मीत, मेरी भी एक प्रीत,
मेरे लब, मेरा तनहा साया, मेरा भी एक संगीत.
मुझ में भी मोहब्बत, मुझ में भी धड़कन, दिल नहीं मेरा रकीब,
कर सकू दो बाते, हो सके कुछ चंद मुलाकाते, पर नहीं ऐसा मेरा नसीब.

मेरे दिल में भी एक तस्वीर है, पर जकड़े इसको एक ज़ंजीर है,
ह्रदय आईने के टुकड़े टुकड़े हुए, दोस्त ऐसी कुछ मेरी तक़दीर है.
दिल में दर्द का भारी बोझ लिए, चलता अकेले एक राहगीर है,
कभी ये भी थी खुशियों से भरी भरी, जो आज एक लुटी हुयी जागीर है.

बता दो मुझे होगा अहसान, आखिर क्यों होता है इश्क़ करने वाला वीरान,
क्या है इस पहेली का उत्तर आसन, बता दो क्यों बनता है प्यार का मशीहा ही हैवान.
मेरे दिल को देकर नाईलाज दर्द, कर दी मेरी हर महफ़िल सुनसान,
उजड़ गया मेरे सपनो का शहर, मै कुछ न कर सका बस देखता रहा होकर हैरान.

इश्क़ एक सपना है मेरे लिए, देखी जिसकी मैंने हकीकत है,
सच है ये कुछ नहीं देखता, इसका अपना ही एक मज़हब है.
पर ये एक ऐसी खुबसूरत शक्सियत है, जिसकी अच्छी नहीं सोहबत है,
दोस्त दूर रहना इससे, तुम्हारा चैन सुकून छीन लेगी ये कुछ ऐसी इसकी संगत है.

मेरे गीत, मेरा मनचाहा मीत, मेरी भी एक प्रीत,
मेरे लब, मेरा तनहा साया, मेरा भी एक संगीत.
मुझ में भी मोहब्बत, मुझ में भी धड़कन, दिल नहीं मेरा रकीब,
कर सकू दो बाते, हो सके कुछ चंद मुलाकाते, पर नहीं एसा मेरा नसीब.

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