Friday, October 09, 2009

तुम आना..


कभी हो उदास तो मेरे पास चले आना,
अपने सारे गमों को तुम मुझे दे जाना.
मेरा ये दिल है एक छोटी सी दरिया,
तुम इसमे समां जाना जैसे सागर में नदिया.

महसूस किया है मैंने तन्हाई का बोझिल अहसास,
तुम आना जरुर मुझ पर कर विश्वास.
हर दर्द को लूँगा अपने में पूरा उतार,
दूंगा तुझे वापस तेरे चेहरे का निखार.

ओरों को देना ख़ुशी है मेरा एक उसूल,
आना करीब मेरे इस बेवफा दुनिया को भूल.
करूँगा में तेरा उस पल हमेशा इंतजार,
जिस दिन तू होगा एक तन्हा, परेशा, लाचार.

5 comments: