हमारी महफ़िल में आये हों तो मेरा आदाब है,
ना नजरों से बात करो नहीं इनका जवाब है.
महफ़िल की हवा है कुछ बदल सी गयी,
लगता छा गया आपके हुस्न का सबाब है.
ये अदाये ये हँसी, कैसे दिलकश अंदाज़ है,
लगे ऐसा जैसे नजदीक चमन का माहताब है.
कैसे बया करू जज्बात सामने जो आप है,
परी हों जैसे रूबरू बदले से वक्त के हिसाब है.
हर साख है सोख और हर सोखी में आप है,
छुप के मै जिसे पी रहा तेरे नजरों की शराब है.
तुम बस रूह से हमें अपनाने लगो
14 years ago
so nice lucky beautiful words
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