उम्र गुज़र जायेगी कुछ अरसे बाद,
बस बाकि रह जायेगी तब केवल तेरी याद.
किसकी रही पकड़ ये है गुजरता वक्त,
अपना सफ़र बिताएगा यहाँ हर एक शख्स.
जो मिले कोई तन्हा मुकाम मुझे,
मै पूरी सिददत से जिऊंगा उसे.
बड़ी मुद्तो के बाद आते है कुछ पल,
नहीं पता क्या होगा आने वाला कल.
काश एक प्यार का मसीहा आ जाये,
कुछ दिन मेरे साथ का गवाह बन जाये.
मै तो हू इस बीतते सफर का गवाह,
ये गुज़रे चैन से मुझे नहीं जन्नत के चाह.
gud friend.. nice poem .. keep it up.. best of luck for future..
ReplyDeletenice and true felling..
ReplyDeletevery gud luck.. weldone.. keep it up..
ReplyDeletegud poem ... aachi hai..
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